यह दोनों Arnold के बेटे हैं एक को Arnold ने पाला दूसरे को उसकी मां ने
आजकल माँ बाप दोनों नौकरी कर रहे है इस कारण कपल बच्चो को पालने के लिए चाइल्ड डे केयर का सहारा ले रहे है,
लेकिन क्या इसके नतीजे अच्छे होंगे? छोटे बच्चे का दिमाग एक कोरे काग़ज़ जैसा होता है, उसको तुमने उस छोटी उम्र में जो शिक्षा दे दी वो उसके साथ अंत तक रहेगी,
क्योंकि वो शिक्षा उसकी मानसिकता की नीव बनेगी।
क्या आप अपने बच्चे को दुनिया को लेकर अपनी फिलासफी देना चाहते हो या किसी चाइल्ड डे केयर वाले की? तुम्हारे बच्चे तुम्हारे हिसाब से दिमाग और शरीर से ढलेंगे या चाइल्ड डे केयर वाले के हिसाब से?
वो तुम्हारी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करेंगे या चाइल्ड डे केयर वाले की का? वो तुम्हारी संस्कृति, तुम्हारे विचार से तैयार ही नहीं होंगें तो तुम्हें समझेंगे कैसे? तो तुमने पूंजी तो जोड़ ली, लेकिन जिसको पूंजी देकर जाने वाले हो वो पता नहीं उस पूंजी को किस दिशा मे ले जाएगा।
और जैसे तुम उसको किसी और के हवाले कर रहे पालने के लिए,
उसी तरह वो तुम्हें बुढ़ापे में वृद्ध आश्रम में छोड़ देगा, क्योंकि उस में तुम्हारे लिए वो ना लगाव होगा, ना कनेक्शन होगा, लगाव बच्चो को समय देने से बनता है, उनके लिए त्याग देने से बनता है उनको पूंजी के लिए त्याग देने से नहीं।