सहजन की सब्जी रेसिपी बहुत की सरल है। जिसको कोई भी जल्दी से सीख सकता है, और बनाकर इसका स्वाद चख सकता है। जिसके लिए निम्नलिखित सामाग्रियो की आवश्यकता पड़ती है –
आवश्यक सामग्री
1- सहजन की फली 250 ग्राम
2 -आलू 2
3-लहसुन की कलियां 5 से 6
4 -हरी मिर्च svaadanusaar
5 -प्याज 1
6 -टमाटर 1
7 -तेल 4 चम्मच
8 -राई ½ छोटा चम्मच
9 -जीरा ½ छोटा चम्मच
10 -नमक 1 छोटा चम्मच
11 -लाल मिर्च पाउडर 1 छोटा चम्मच
12 -हल्दी पाउडर ¼ छोटा चम्मच
13 -धनिया पाउडर 2 छोटे चम्मच
14 -गरम मसाला ½ छोटा चम्मच
15 -हरा धनिया बारीक कटा हुआ
आवश्यक सामग्री (Ingredients Needed)
सहजन की फली – 250 ग्राम
आलू – 100 – 200 ग्राम
लहसुन – 5 से 6 कली
लाल / हरी मिर्च – स्वादानुसार
प्याज – लगभग 20 ग्राम
टमाटर – लगभग 20 ग्राम
तेल – लगभग 4 चम्मच
राई – ½ छोटा चम्मच
जीरा – ½ छोटा चम्मच
सेंधा या समुद्री नमक – स्वादानुसार
अदरक – एक छोटा टुकड़ा
हल्दी पाउडर – ¼ छोटा चम्मच या एकछोटी गाँठ
धनिया पाउडर – 1 छोटे चम्मच
गरम मसाला – ½ छोटा चम्मच
बारीक कटा हुआ हरा धनिया
यह बिना प्याज और लहसुन की भी बनाई जाती है। क्योकि सात्विक भोजन में इन दोनों का सर्वथा निषेध किया गया है। इस कारण सहजन की सब्जी का स्वाद सभी ले सकते है।
सहजन की सब्जी बनाने की विधि
सहजन की फली की सब्जी
सहजन की सब्जी बनाना बहुत ही आसान है इसकी फलिया बहुत ही लाभकारी है, विशेषकर हड्डी रोग से पीड़ित लोगो के लिए जिसके लिए सहजन की सब्जी विधि आवश्यक है। जो इस प्रकार है –
सहजन की फली की सब्जी बनाने के लिए, इसकी फलियों को साफ पानी से धोये।
फिर उसके छिलके को नेरकर निकाल दीजिये।
और 3 से 4 इंच के छोटे – छोटे टुकड़ो में काट लीजिए।
आलू को छोटे – छोटे टुकड़ो में काटकर रख लीजिए।
सरसो, हल्दी, जीरा, धनिया, प्याज, मिर्च और लहसुन को सिलबट्टे पर या मिक्सर में पीस लीजिए।
अब गैस या चूल्हे की हल्की आंच पर कढ़ाई में तेल डालकर हल्का सा गर्म करे।
इसके बाद पीसे हुए मसाले को कढ़ाई में डाले और पकाए।
जब मसाला पक कर लाल जो जाए तब आलू को डाले और कुछ समय तक पकाये।
अब सजन की फलियों को कढ़ाई में डाले।
कुछ समय तक कलछुल या बड़े चम्मच से इसको हिलाते रहे। जिससे सब्जी जले नहीं।
ऐसा होने में लगभग 8 मिनट लगेगा।
इसके बाद कढ़ाई में लगभग 250 ग्राम पीने वाला पानी डाले।
तदुपरांत सेंधा नमक डालकर, ढक कर पकने दे।
जब सब्जी पक जाए अर्थात आलू और उसमे डाली हुई फली पाक जाए।
जिसके लिए किसी चम्मच से दबाकर देखे, कि सब्जी पकी या नहीं।
तब टमाटर के छोटे – छोटे टुकड़े काटकर कुछ समय तक पकाए।
अब सब्जी को चूल्हे से उतारकर, कटी हुई धनिया मिलाकर परोसे।
सहजन की यह सब्जी रोटी और पराठे दोनों के साथ खाई जा सकती है।
परन्तु ज्यादातर लोग सहजन की सूखी सब्जी पराठे के साथ पसंद करते है। जिसके लिए उपरोक्त विधि में पानी की कम मात्रा का उपयोग करे।
सहजन की फली की सब्जी खाने के फायदे
सहजन की भाँती इसकी फली भी कफ और वात नाशक है। जिसका सेवन करने से कफ और वात के द्वारा, होने वाले रोगो से बचा जा सकता है। जैसे पेट में गैस बनना और खांसी आना आदि है।
पेट में होने वाले सभी प्रकार के दर्दो में, वात दोष के कुपित होने से सर्वाधिक रोग होते है। जिसको नियंत्रित करने में सहिजन का भी उपयोग है। वही इनको नियंत्रित करने में पेट की गैस को जड़ से ख़त्म करने के उपाय भी उपयोगी है।
सहजन की फली के नुकसान
आयुर्वेद में सहिजन को तिक्तरसयुक्त, मधुर, उष्णवीर्य, रुक्ष, मलावरोधक और विदाहकारक आदि गुणो से युक्त बताया गया है। जिसका अमात्रात्मक और अनुपयुक्त प्रयोग अनेक प्रकार की समस्याए उत्पन्न कर सकता है।
निष्कर्ष / उपसंहार ( Conclusion) :
स्वास्थ्य को सहेजने का सस्ता और सर्वोपयोगी उपाय, मौसमी खाद्य पदार्थो का आनुपातिक मात्रा में सेवन करना है। परन्तु हम ऐसा न करके महगें, आकर्षक और कृत्रिम स्वाद वाली वस्तुओ का सेवन करते है। जिससे हमारा पर्याप्त पैसा तो खर्च होता ही है, और उनमे पाए जाने वाले रसायनों के चलते अनुकूल स्वास्थ्य नहीं मिलता है। ऐसी स्थिति में हम आर्थिक और शारीरिक रूप से दुर्बल होते जाते है। जिससे थोड़ी भी अनबन होने पर, शारीरिक ही नहीं मानसिक स्तर पर भी स्वयं को कमजोर ही पाते है।
इस कारण सहजन की फली की सब्जी कैसे बनाएं, को हम सभी को सीखना चाहिए। जिससे मौसम के अनुकूल पोषक तत्व हमें प्राप्त हो सके। साथ ही हमारे भीतर के दोष भी संतुलित रहे। जिनसे हमें अनुकूल स्वास्थ्य सुलभ हो सके।