IPS Kishan Sahay Meena Suspend: राजस्थान सरकार ने आईपीएस किशन सहाय मीणा को सस्पेंड कर दिया है। वे चुनावी ड्यूटी पर थे, लेकिन जयपुर में दोस्तों के साथ टी पार्टी कर रहे थे। वे सोशल मीडिया पर अपने विवादित पोस्ट के कारण भी जाने जाते हैं
राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी किशनसहाय मीणा को चुनाव आयोग की अनुशंसा पर सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही उनको चार्जशीट भी दी गई है। मीणा को 2013 में प्रमोट कर आईपीएस बनाया गया था। उनकी झारखंड में चुनाव ड्यूटी थी लेकिन चुनाव ड्यूटी करने की बजाय वे जयपुर में टी पार्टी करते मिले।
वे बिना किसी को सूचना दिए झारखंड से जयपुर लौट आए थे। उन्होंने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी थी। इसके बाद जब ये सूचना चुनाव आयोग तक पहुंचीं, तो आज उनको सस्पेंड कर दिया गया।
कौन हैं आईपीएस किशनसहाय मीणा? किशनसहाय मीणा मूल रूप से अलवर जिले के रहने वाले हैं। 2013 में उनका प्रमोशन कई अन्य अफसरों के साथ आईपीएस कैटेगरी में किया गया। बतौर आईपीएस सबसे पहले वे टोंक जिले में एसपी के पद पर पोस्टेड रहे। फिर अजमेर में जीआरपी के एसपी रहे, फिर जयपुर क्राइम ब्रांच के एसपी भी रहे। इसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और वे डीआईजी और फिर आईजी चुने गए। फिलहाल वे ह्यूमन राइट्स के आईजी के पद पर थे।
आईपीएस किशनसहाय मीणा का विवादों से भी नाता रहा है। वे फेसबुक पर स्वयं को युग प्रवर्तक लिखते हैं। उनके 1 लाख 23 हजार से ज्यादा फॉलोवर हैं। अक्सर वे अपने आर्टिकल को लेकर विवादों में रहते हैं। उनके आर्टिकल का विषय भगवान, अल्लाह, गॉड और वाहे गुरू होता है। कुछ दिन पहले उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट डाली थी, जो वायरल भी हुई थी। उन्होंने बताया कि भगवान या अल्लाह काल्पनिक है इसके अलावा और कुछ नहीं है। उनकी चुनावी ड्यूटी लगी थी लेकिन वे झारखंड में होने की बजाय जयपुर में दोस्तों के साथ टी पार्टी कर रहे थे। इसकी एक पोस्ट उन्होंने 10 नवंबर को पोस्ट की थी।
“मानवतावादी विश्व समाज” की विचारधारा तो पहले से ही कहती आ रही है कि जातियों में नहीं बंटना है तो जातियों को खत्म करो और धर्मों में नहीं बंटना है तो धर्मों को खत्म करो वैसे भी जातियों और धर्मों को मनुष्यों ने ही खड़ा किया था लेकिन मानव सभ्यता के लिए ये विभाजनकारी व आत्मघाती व्यवस्थाएँ हैं जो तजनीय हैं।” किशन सहाय आईपीएस